व्यक्तित्व विश्लेषण
छात्रों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विश्लेषण अनिवार्य बनाया है जिससे यह पता चल सके कि उनमें क्या गुण और क्या अवगुण है ।वे आसानी से क्या कर सकते हैं और क्या उनके लिए मुश्किल हो सकता है। व्यक्तित्व का विश्लेषण किए बिना अगर सफलता हासिल करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से यह एक संयोग की बात होगी और अगर व्यक्तित्व का विश्लेषण और समुचित विकास कर दिया जाए तो सफलता सुनिश्चित किया जा सकता है। किसी भी छात्र के व्यक्तिगत पंंद्रह आयामो को वारिकी से अध्ययन किया जाता है-
- Ambition – महत्वाकांक्षा
- Attention- ध्यान
- Attitude- रवैया
- Concentration- एकाग्रता
- Confidence- आत्मविश्वास
- Communication- वातचीत
- Determination – चित्त की दृढता
- Emotion – भावना
- Loyalty- निष्ठा
- Memory- यादाश्त
- Perfection- पुर्णता
- Persistence- हठ
- Representation- प्रतिनिधित्व
- Thinking pattern- सोच
- Will-power – इक्षाशक्ति
इन सभी व्यक्तिगत आयामों को जानने के बाद यह समझना असान हो जाता है कि क्या- क्या गुण और अवगुण है जो वर्त्तमान और भविष्य को प्रभावित कर सकते है। गुण यानि Strengths हमेशा मददगार होता है वहीं अवगुण यानि Weaknesses (Undesired traits) हमेशा मौका देखकर टांग खीचने से नहीं चूकता जिसके कारण तेज – तर्रार बच्चे भी सफलता से वंचित रह जाते हैं। इसलिए व्यक्तित्व विश्लेषण सभी युवाओं के लिए अनिवार्य बनाया गया है।
वर्तमान दौर में हर एक परिवार के मुखिया (मां -पिताजी) चाहे उनकी आर्थिक स्थिति जो भी हो ,वे चाहते हैं कि उनका बच्चा बहुत आगे बढ़े और इसी सोच की वजह से वे अपने बच्चे को किसी ना किसी कोचिंग संस्थान में नामांकन करा देते हैं । इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लगभग सभी शिक्षक अपने विषय के जानकार होते हैं । उन्हें पढ़ाने का अनुभव होता है । लेकिन क्या सिर्फ अनुभवी शिक्षक के होने से सफलता मिल जाती है ? बिल्कुल नहीं । शिक्षक तो सिर्फ पढ़ाएंगे, पढ़ना और आगे बढ़ना तो छात्रों का काम होता है, जब छात्र ही कुछ कमजोरियों से ग्रसित हो तो शिक्षक क्या कर लेंगे ? इसीलिए किसी भी कोचिंग संस्थान में जुड़ने से पहले छात्रों के व्यक्तित्व का बारीकी से विश्लेषण और सुधारात्मक उपाय आवश्यक है जिससे कि शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए सभी विषयों को छात्र भली-भांति समझ सके और किसी प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हो सके। हम बच्चों के व्यक्तित्व का बारिकी से विश्लेषण कर उनके सभी कमजोरियों को और अच्छाइयों को चिन्हित करते हैं और साधारण – साधारण उपाय से बच्चों के कमजोरियों को दूर कर देते हैं और उनके शक्ति को और बढ़ा देते हैं ताकि वह सफलता हासिल कर सके